
प्रस्तावना
हेल्लो मेरे प्यारे दोस्तों आज की कहानी बेहद डरावनी और खौफनाक है, यह कहानी है एक गावं की है जहाँ
कुछ ऐसी अजीब और इंशानी सोच समझ से परे घटना घटती थी, जिससे उस गावं वाले का जीना दुर्भर हो
गया था| वो गावं वाले ना उस गावं में शांति से रह पा रहे थे और ना ही उस गावं से बाहर जा पा रहे थे,
वे सभी एक ऐसी शक्तियों के चपेट में आ गए थे कि उन लोगों का जीना सच में दुर्भर हो गया था|
लेकिन फिर उस गावं में लौटा एक युवक जो सालों बाद अपने गावं आया था, और उसने अपने गावं वालों को दिलाई उस शैतान से आजादी| तो चलिए कहानी शुरू करते हैं|
कहानी की शुरुआत
चिनाबगढ़ नाम का एक गावं था, वो गावं काफी बड़ा और खुशहाल हुआ करता था, लेकिन एक दिन उस गावं के एक सेठ करोड़ीमल ब्यापार के सिलसिले में कही बाहर गए हुए थे और वो वहाँ से लौट रहे थे, चिनाबगढ़ गावं के रास्ते में एक घना जंगल पड़ता था, उस सेठ ने देखा की जंगल के रास्ते में उससे कुछ दूर पर एक बेहद खूबसूरत औरत खड़ी है, धीरे धीरे वो सेठ उस औरत के समीप पहुंचा, और फिर वो सेठ ने उस औरत से पूछा की तुम कौन हो और इस जंगल में ऐसे क्यू खड़ी हो. इसपर वो औरत बोली साहेब मैं एक बदनसीब औरत हूँ मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है, इसलिए मैं इधर उधर भटक रही हूँ, यह सुन कर सेठ बोला तुम मेरे साथ चलो मैं तुमें नौकरी दूँगा, यह सुनकर वो औरत बोली सेठ जी आप बहुत दयालू हैं, लेकिन मैं आपके साथ ऐसे नहीं जा सकती आपको पहले मुझसे शादी करनी होगी, तब मैं आपके साथ चलूंगी, यह सुन सेठ बोला ठीक है मुझे कोई आपत्ति नहीं मैं तुमसे शादी कर लेता हूँ, और फिर वो दोनों उसी वक्त वही पर शादी कर ली| फिर वो दोनों गावं आ गए, और यही से शुरू होती है उस गावं में खौफनाक मंजर|
उस जंगल का खौफनाक राज
उस गावं के बूढ़े बुजुर्ग यह मानते थे कि उस जंगल में एक चुड़ैल रहती है जो बेहद खतरनाक है, लेकिन वो उस जंगल में कैद है, और वह बाहर निकलना चाहती है लेकिन सालों पहले चिनाबगढ़ के लोग मंत्रों द्वारा उस चुड़ैल को उस जंगल में कैद कर दिया था| जिससे वो उस जंगल से बाहर नहीं निकल सकती थी. लेकिन इन बातों पर उस गावं के ९० फीसीदी आदमी विश्वास नहीं करते थे| तो अब जाने की यह बात है कि आखिर वो चुड़ैल है कौन? ,क्या चुड़ैल सच में है या फिर उस गावं के बूढ़े पुराने लोगों द्वारा फैलाई गई सिर्फ मनगढ़हन कहानी, क्या सेठ ने जिस औरत से शादी किया कहीं वही तो वो चुड़ैल नहीं, आखिर क्या है पुरी सच्चाई|
सेठ ने जाना अपनी पत्नी की सचाई (चुड़ैल है उसकी पत्नी)
सेठ जब उस औरत से शादी कर घर आया तो सब कुछ ठीक ही चल रहा था, लेकिन एक दिन सेठ अपने गावं में चार पांच लोगों के साथ बैठे थे, बातों ही बातों में भुत प्रेतों की चर्चा शुरू हो गई, तभी एक आदमी बोला की अपने गावं वाले रास्ते में जो जंगल है सुना है उसमे भी कोई चुड़ैल रहती है, यह सुन दूसरा व्यक्ति बोला हां सुना तो मैंने भी है, लेकिन यह सब बकवास की बात है, अगर चुड़ैल होती तो वो आते जाते लोगों को जंगल में जरुर परेशान करती, यही सब बातें चल ही रही थी की तभी वहाँ एक बुजुर्ग आदमी आया, उसने उन सब की बातों को सुनकर बोले बेटा तुम सभी मानों या ना मानों लेकिन उस जंगल में चुड़ैल है, लेकिन वो कैद है, कहते हैं कि वो चुड़ैल जब किसी गावं वाले से शादी करेगी तो ही वो उस कैद से बाहर निकल पायेगी, लेकिन जिस दिन ऐसा कुछ हुआ उस दिन गावं में सामत आ जायेगी|
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जैसे ही सेठ करोड़ीमल यह सुना उसके मानों कंठ सूखने लगे, अब उसके मन में चलने लगा की कहीं वो उस दिन जिस औरत से शादी की कहीं वहीँ तो चुड़ैल नहीं है, यह सब सोच सोच कर उसका मन अजीब होने लगा और वो वहाँ से उठा कर घर चला आया, उस रात सेठ बिना भोजन किये ही सो गए, और अगली सुबह वो जल्दी उठा और उस गावं के एक पंडित के पास गया, सेठ ने पंडित जी को सारा वृतांत सुनाया, पंडित जी ने जब यह सुना तो उन्होंने सेठ जी से बोला की शायद आप जिससे शादी किये हैं वो चुड़ैल हो सकती है, लेकिन वो औरत चुड़ैल ही है यह बात साबित तब होगी जब आप यहाँ से घर जायेंगे, इस पर सेठ बोला वो कैसे पंडित जी, यह सुन पंडित जी बोले अगर आपकी पत्नी चुड़ैल है तो उसको यह पता चल गया होगा की आप यहाँ आए थे, और उसके बारे में जानने की कोशिश कर रहे थे, तो आप जैसे ही घर पहुंचेंगे वो आपको खुद अपनी सच्चाई बता देगी|
जब सेठ घर आया तो उसकी पत्नी उसे देख देख कर जोर से हँसने लगी, और फिर बोली आ गए मेरी सचाई जान कर, जैसे ही सेठ ने यह सुना की वो फौरन घर से बाहर भाग गया, और गावं वालों को सारी बात बताई, यह जान कर गावं वाले काफी डर गए, तभी वो चुड़ैल भी उन सभी गावं वाले के सामने आई, और वो बोली हाँ मै चुड़ैल हूँ, मैं वापस आ गई हूँ तुम सभी गावं वाले से बदला लेने, आने वाली अमावस्या के दिन मैं इस गावं के हर एक घर से एक एक कर आदमी को अपने साथ ले कर जाउंगी, और कोई कुछ नहीं कर सकेगा|
गावं में पसरा खौफ
जैसा की उस चुड़ैल ने बोला था कि अमावस्या के दिन वो आदमी को गायब करना शुरू करेगी, ऐसा ही हुआ, एक किसान उस रात करीब एक बजे पेशाब करने घर से बाहर निकला, लेकिन फिर वो लौट कर घर नहीं गया, जब सुबह हुई तो गावं में मातम फैला हुआ था, सभी गावं वाले अब यह सोच सोच कर डर रहे थे कि उसकी बारी कब आ जायेगी|
उस दिन सभी गावं वाले इकठ्ठा हुए और गावं छोड़ने का फैसला किया, लेकिन जैसे ही वो सभी गावं से जाने लगे तभी वो चुड़ैल आई और बोली तुम लोग गावं से बाहर नहीं जा सकते जैसे ही तुम गावं से बाहर कदम रखोगे मैं तुम्हें अपने साथ ले कर चली जाउंगी,
गावं की समस्या हुई दूर
अब गावं वाले ना घर के रहे ना घाट के, हर रोज कोई ना कोइ गायब होता चला जा रहा था, तब एक दिन उस गावं में एक युवक बहुत साल बाद लौटा, वो सालों पहले बनारस पढ़ने चला गया था, वो पंडित था, और वो तंत्र विद्या में निपुण हो कर लौटा था, जब वो गावं आ कर गावं वाले की समस्या सुनी तो उसने उसी रात गावं में एक अनुष्ठान करने का फैसला किया,
अनुष्ठान शुरू हुई लेकिन थोड़ी देर बाद वो चुड़ैल चिल्लाती चीखती वहाँ पहुंची, तब वो युवक पंडित ने उसे वापस से अभिमंत्रित धागे में बांधा और उसी जंगल में ले जा कर एक कुएं में दाल दिया और उस कुँए को भी मंत्रो से बांध दिया ताकि वो चुड़ैल उससे निकल ना पाए, क्योंकि जब वो निकलेगी तो ही ना वो किसी से वापस शादी करके गावं आ पाएगी, उस दिन के बाद गावं वाले वापस से चैन और सुखी का जीवन व्यतीत करने लगे|
निष्कर्ष
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि बिना किसी को अच्छी तरह से जाने पहचाने उसका विश्वास नहीं करना चाहिए, और अगर ऐसा करते हैं तो सेठ करोड़ीमल कि भांति एक दिन आप और आपके साथ आपका पूरा परिवार आपका पूरा समाज खतरे में पड़ सकता है|